बिलासपुर। Swami Atmanand English School: छत्तीसगढ़ में संचालित स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल पर बिलासपुर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने प्रदेश में पहले से संचालित हिंदी माध्यम स्कूलों को बंद कर उनकी जगह अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने के निर्णय को हाई कोर्ट ने उचित नहीं माना है।
Swami Atmanand English School: हाईकोर्ट ने कहा है कि, स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने में राज्य सरकार ने बड़ी रकम खर्च की है। संसाधनों की व्यवस्था की गई है, ऐसे में अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को बंद करने का आदेश देना उचित नहीं होगा, लेकिन हिंदी बंद करना भी ठीक नहीं है।
![](https://atozjnews.com/wp-content/uploads/2023/07/High-Courts-decision-on-Swami-Atmanand-English-School-English-medium-schools-will-not-be-closed-but-Hindi-medium-students-will-have-to-give-admission-in-same-1024x568.jpg)
Swami Atmanand English School: कोर्ट ने कहा, सरकार हिंदी माध्यम के छात्रों के लिए पूर्व में संचालित स्कूलों में ही पढ़ाई की व्यवस्था करे। छात्र- छात्राओं को प्रवेश दिया जाएगा। कोर्ट ने कहा है कि, सरकार चाहे तो स्कूल का संचालन दो पालियों में कर सकती है। हिंदी माध्यम में प्रवेश दें, पढ़ाई की व्यवस्था करें।
![](https://atozjnews.com/wp-content/uploads/2023/07/g-1-1024x208.jpg)
चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने माना मौलिक अधिकार का उल्लंघन
जशपुर में रहने वाले डॉ. रवींद्र कुमार वर्मा ने हाईकोर्ट में तीन जनहित याचिकाएं लगाई थीं। इसमें सालों से संचालित हिंदी माध्यम स्कूलों को बंद कर उनकी जगह स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने, शैक्षणिक सत्र 2022-23 में जिन हिंदी माध्यम स्कूलों को स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम में तब्दील किया जाना है, उनका मूल स्वरूप संरक्षित करने और कक्षा पहली से 5वीं तक की किताबों में अंकों के उपयोग में देवनागरी लिपि का उपयोग करने के संबंध में राज्य सरकार और संबंधित विभागों को जरूरी दिशा- निर्देश देने की मांग की उठाई थी।
Swami Atmanand English School: डॉ. वर्मा ने अपनी पैरवी खुद हिंदी में की थी, इसलिए हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस राकेश मोहन पाण्डेय की बेंच ने भी निर्णय भी हिंदी में दिया है।
READ MORE-CG News: जिस बकरे की चढ़ाई बलि उसी ने मरने के बाद ले ली जान, जानें क्या है खोपा धाम का सच