नई दिल्ली। Manipur violence: मणिपुर हिंसा पर पूर्व थल सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि हिंसा प्रभावित मणिपुर में विदेशी एजेंसियों की भागीदारी को इनकार नहीं किया जा सकता। इसके अलावा उन्होंने इशारों-इशारों में चीन पर भी निशाना साधा।
Manipur violence: दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में ‘National Security Perspectives’ पर चर्चा के दौरान जनरल नरवणे ने चीन का नाम लिए बिना कहा, आंतरिक सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। अगर हमारे पड़ोसी देश में ही नहीं, बल्कि हमारे सीमावर्ती राज्य में भी अस्थिरता है, तो वह अस्थिरता हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अच्छा नहीं है।
![Chinese conspiracy behind Manipur violence, former army chief Naravane said – cannot ignore foreign forces](https://atozjnews.com/wp-content/uploads/2023/07/Chinese-conspiracy-behind-Manipur-violence-former-army-chief-Naravane-said-–-cannot-ignore-foreign-forces.jpg)
Manipur violence: पूर्व सेना प्रमुख नरवणे ने भरोसा जताया कि सरकार मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए कदम उठा रही है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि जो लोग कुर्सी पर हैं और कार्रवाई करने के लिए ज़िम्मेदार हैं, वे अपना सर्वश्रेष्ठ कर रहे हैं और हमें उन पर कोई अनुमान लगाने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि अस्थिरता देश के राष्ट्रीय सुरक्षा निर्माण में मदद नहीं करती है।
Manipur violence: मणिपुर में विदेशी साजिश की आशंका
पूर्व सेना प्रमुख नरवणे ने कहा,जमीन पर मौजूद व्यक्ति जानता है कि सबसे अच्छा क्या करने की जरूरत है। निश्चित रूप से अस्थिरता हमें राष्ट्रीय सुरक्षा निर्माण में मदद नहीं करती है और विदेशी एजेंसियों की भागीदारी से इनकार नहीं किया जा सकता है। लेकिन निश्चित रूप से मैं यह कहूंगा कि चीनी सहायता विभिन्न विद्रोही समूहों को कई वर्षों से मिल रही है। इसलिए मेरा मानना है कि वे आगे भी मदद करते रहेंगे।
![](https://atozjnews.com/wp-content/uploads/2023/07/g-1-1-1024x208.jpg)
Manipur violence: जनरल नरवणे ने इस संभावना पर भी बल दिया कि मणिपुर में जारी हिंसा से कुछ संस्थाओं को फायदा हो सकता है। पूर्व सेना प्रमुख ने कहा, संभवत खेल में ऐसी एजेंसियां, अन्य कलाकार हो सकते हैं जिन्हें इस हिंसा से फायदा हो और वे नहीं चाहेंगे कि राज्य में सामान्य स्थिति लौटे क्योंकि जब यह अस्थिरता रहेगी तो उन्हें फायदा होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि हिंसा को कम करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे सभी प्रयासों के बावजूद हम हिंसा देख रहे हैं।