रायपुर। Indira Priyadarshini Bank Scam: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के 17 साल पुराने चर्चित इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक में हुए 24 करोड़ के घोटाले में कोतवाली पुलिस ने 44 उद्योगपति, कारोबारी और राजनेता को नोटिस जारी किया है। सभी को पूछताछ के लिए 11 अगस्त को कोतवाली थाना बुलाया गया है। इसमें राज्य के अलावा महाराष्ट्र के चार उद्योगपति शामिल हैं, जिनके खाते में घोटाले का पैसा जमा हुआ है।
Indira Priyadarshini Bank Scam: 12 कंपनियां जगदलपुर की
जांच में ये बात सामने आई है कि जिन कंपनियों में पैसा जमा हुआ उनमें से 12 कंपनियां जगदलपुर की हैं। इन 12 कंपनियों को सीए के बेटे नीरज जैन ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर खोला था। इन्हीं कंपनियों में बैंक का पैसा जमा हुआ है। उसके बाद कंपनियां बंद हो गईं। पुलिस को शक है कि बैंक के पैसों का घोटाला करने के लिए इन कंपनियों को खोला गया था।

Indira Priyadarshini Bank Scam: बता दें कि 2006 में भी जांच के दौरान नीरज को गिरफ्तार किया था। वह कुछ दिन जेल में बंद रहा। फिलहाल वह जमानत पर है। दोबारा जांच शुरू होने के बाद से वह फरार है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। इस बीच खातों की जांच के दौरान 44 उद्योगपति, कारोबारी और राजनेता का नाम सामने आया है। उन्हें नोटिस जारी किया गया।
Indira Priyadarshini Bank Scam: रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले नाम
ये भी बता दें कि इस मामले के मुख्य आरोपी तत्कालीन मैनेजर उमेश सिन्हा का नार्को टेस्ट बेंगलुरु के फोरेंसिक लैब में 2007 में हुआ था। यह रिपोर्ट लिफाफे में बंद पुलिस के पास पहुंची। सरकार बदलने के बाद 2019 में दोबारा लैब को चिट्ठी लिखकर रिपोर्ट मांगी गई। इस रिपोर्ट पुलिस ने वापस कोर्ट से लिया है। इसी के आधार पर आगे की जांच शुरू की गई है। रिपोर्ट में चौकाने वाले नाम हैं।
