ICAE 2024: Digitization of lands, farmers will get digital identity numbers, Modi said. India’s small farmers are backbone of food security
नई दिल्ली। ICAE 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार 3 अगस्त को 32वें अंतरराष्ट्रीय कृषि अर्थशास्त्र सम्मेलन (ICAE) का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने भारत की प्राचीन कृषि परंपराओं और नए जमाने के वैज्ञानिक दृष्टिकोण के महत्व पर बात की। नई दिल्ली के नेशनल एग्रीकल्चर साइंस सेंटर (NASC) में 65 वर्षों बाद यह सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। इसमें 75 देशों के करीब 1,000 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
ICAE 2024: देश में कृषि शिक्षा और शोध के लिए मजबूत तंत्र
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत की कृषि परंपरा में विज्ञान का हमेशा से महत्वपूर्ण स्थान रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे प्राचीन ग्रंथों में भोजन को सभी औषधियों का मूल कहा गया है, जो आज भी प्रासंगिक है।
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पीएम ने कहा, भारत में कृषि शिक्षा और अनुसंधान के लिए एक मजबूत तंत्र है, जिसमें 500 से अधिक कृषि कॉलेज और 700 से अधिक कृषि विज्ञान केंद्र (Krishi Vigyan Kendra) शामिल हैं। यह संस्थान किसानों तक नई तकनीक और जानकारी पहुंचाने में अहम भूमिका निभाते हैं।
ICAE 2024: भारत के छोटे किसान खाद्य सुरक्षा की रीढ़
प्रधानमंत्री ने छोटे किसानों को भारत की खाद्य सुरक्षा का प्रमुख आधार बताया। उन्होंने कहा कि हमारे देश के लगभग 90% किसानों के पास सीमित जमीन है, और यही छोटे किसान भारत की खाद्य सुरक्षा को बनाए रखने में सबसे बड़ा योगदान दे रहे हैं। यह स्थिति केवल भारत में ही नहीं, बल्कि अन्य विकासशील देशों में भी समान रूप से देखी जाती है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत का यह मॉडल अन्य देशों के लिए भी प्रेरणा स्रोत हो सकता है।
ICAE 2024: दूध, दाल और मसालों के उत्पादन में अग्रणी भारत
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत अब दूध, दाल और मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक (largest producer) बन गया है। उन्होंने कहा कि जब ICAE का सम्मेलन आखिरी बार भारत में हुआ था, तब भारत को खाद्य सुरक्षा और कृषि से संबंधित अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ा था। लेकिन आज, भारत एक खाद्य अधिशेष (Food Surplus) देश बन गया है, जो कृषि क्षेत्र में भारत की प्रगति को दर्शाता है।
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ICAE 2024: मिलेट्स को दिया ‘श्री अन्ना’ का दर्जा
प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत ने मिलेट्स को ‘श्री अन्ना’ का दर्जा दिया है। यह फसल जिसे दुनिया सुपर फूड (Super Food) के रूप में पहचानती है, अब वैश्विक पोषण समस्या का समाधान बन सकती है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत अपने सुपर फूड्स की टोकरी को दुनिया के साथ साझा करने के लिए तत्पर है, ताकि वैश्विक स्तर पर पोषण संबंधी चुनौतियों का समाधान हो सके। भारत ने इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
ICAE 2024: 75 देशों के 1000 प्रतिनिधि ले रहे सम्मेलन में हिस्सा
इस सम्मेलन में लगभग 1,000 प्रतिनिधि 75 देशों से भाग ले रहे हैं। ICAE 2024 का यह आयोजन युवा शोधकर्ताओं और एग्री प्रोफेशनल्स के लिए अपने काम को प्रदर्शित करने और नेटवर्क बनाने का एक मंच है। इस आयोजन के माध्यम से शोध संस्थानों और यूनिवर्सिटीज के बीच साझेदारी को मजबूत करने पर जोर दिया जाएगा, जो वैश्विक कृषि चुनौतियों के समाधान में सहायक होगा।