PM Modi’s Nigeria Visit: नाइजीरिया पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रपति टिनूबू ने राजधानी अबुजा की चाबी सौंपी, आज द्विपक्षीय वार्ता

नई दिल्ली। PM Modi’s Nigeria Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नाइजीरिया पहुंच गए हैं। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पिछले 17 सालों में पहला नाइजीरिया दौरा है। नाइजीरिया की राजधानी अबुजा में एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री का स्वागत करने के लिए भारतीय समुदाय के लोग और नाइजीरिया के राष्ट्रपति बोला टिनूबू मौजूद थे। भारतीय समुदाय के लोग तिरंगा हाथ में लिए प्रधानमंत्री के स्वागत में उत्साहित नजर आए।

PM Modi’s Nigeria Visit: नाइजीरियाई मंत्री न्येसोम विके ने प्रधानमंत्री मोदी को राजधानी अबुजा की चाबी भेंट की। इसे नाइजीरिया में विश्वास और सम्मान का प्रतीक माना जाता है। PM मोदी रविवार 17 नवंबर को राष्ट्रपति टिनूबू के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। इसमें भारत और नाइजीरिया के बीच आर्थिक और कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा होगी। इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी भारतीय समुदाय को भी संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी 17 नवंबर तक नाइजीरिया दौरे के बाद मोदी जी20 शिखर सम्मेलन के लिए ब्राजील जाएंगे। पीएम मोदी का अंतिम गंतव्य गुयाना है।

PM Modi’s Nigeria Visit: भारत के लिए क्यों अहम है नाइजीरिया

नाइजीरिया तेल और गैस के बड़े भंडार वाला देश है और भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभाता है। भारत का अफ्रीका में निवेश तेजी से बढ़ रहा है, खासकर ऊर्जा, खनन, फार्मास्यूटिकल्स और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में। नाइजीरिया इस्लामिक देशों के संगठन (OIC) और तेल उत्पादक देशों के संगठन (OPEC) का प्रमुख सदस्य है। ये दोनों संगठन भारत की कूटनीतिक और आर्थिक रणनीति में अहम हैं।

PM Modi’s Nigeria Visit: अफ्रीका का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश

भारत और नाइजीरिया के बीच 66 साल पुराने राजनयिक संबंध हैं। भारत ने 1958 में नाइजीरिया में डिप्लोमैटिक मिशन की स्थापना की थी। नाइजीरिया को 1960 में आजादी मिली। भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1962 में नाइजीरिया का दौरा किया था। इस दौरे ने दोनों देशों के संबंधों को मजबूत आधार प्रदान किया।

बता दें कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, जबकि नाइजीरिया अफ्रीका का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। वर्तमान में नाइजीरिया की जनसंख्या 23 करोड़ है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के मुताबिक, 2050 तक यह 40 करोड़ तक पहुंच सकती है। तब यह भारत और चीन के बाद दुनिया का तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश बन जाएगा।

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