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!['जल-जंगल-जमीन के मालिक आदिवासी': आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने किया गोंडवाना समन्वय समिति के भवन का लोकार्पण chhattisgarh Excise Minister Kawasi Lakhma inaugurated Gondwana Coordination Committee bhavan in Bijapur](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2023/06/01/750x506/chhattisgarh-news_1685604254.jpeg?w=414&dpr=1.0)
कवासी लखमा और नंद कुमार साय ने किया गोंडवाना समन्वय समिति के भवन का लोकार्पण।
– फोटो : संवाद
विस्तार
छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने बुधवार को बीजापुर में गोंडवाना समन्वय समिति के सामाजिक भवन का लोकार्पण किया। भवन का निर्माण एक करोड़ की लागत से किया गया है। इस दौरान मंत्री लखमा ने आदिवासी समाज की मांग पर मुख्य सड़क से भवन तक सीसी सड़क व बाउंड्रीवाल की घोषणा की। कहा कि, जल, जंगल और जमीन के मालिक आदिवासी है और राज्य सरकार उनको मालिकाना हक देने के साथ-साथ सर्वांगीण विकास के लिए कटिबद्ध है। लखमा दो दिवसीय दौरे पर बीजापुर पहुंचे हैं।
धान की खरीदी अब 15 की जगह 20 क्विंटल होगी
लोकार्पण कार्यक्रम में मंत्री कवासी लखमा ने कह, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशानुसार केवल बस्तर ही नहीं समूचे छत्तीसगढ़ के आदिवासी, गरीब, किसान, महिलाओं, युवा वर्गों को विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित कर आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का कार्य किया जा रहा है। किसानों से वाजिब दाम में धान खरीदी की जा रही है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत अदान सहायता के रूप में प्रति एकड़ 9 हजार रुपये दिए जा रहे हैं। जिससे धान की पैदावार में बढ़ोतरी के फलस्वरूप अब 15 के बजाय 20 क्विंटल खरीदा जाएगा।
शासन के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है
आबकारी मंत्री ने कहा, कोटवार, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका सहित विभिन्न वर्गों के कर्मचारियों के मानदेय में वृद्धि होने से शासन के प्रति विश्वास बढ़ा है। किसानों के अलावा भूमिहीन कृषि मजदूरों, गायता पेरमा, पुजारियों को प्रति वर्ष सात हजार रुपये दिए जा रहे हैं। बीजापुर जिले के तेदूपत्ता संग्राहकों की मांग पर नगद भुगतान के लिए भी मुख्यमंत्री ने सहमति प्रदान की है। आदिवासियों के आस्था के प्रतीक देवगुड़ी, घोटुल मृतक स्तंभ का जीर्णोद्धार करने का कार्य किया जा रहा है। जिससे आदिवासियों में खुशी की लहर है।
देवी-देवताओं के साथ पहुंचे हजारों ग्रामीण
पूर्व सांसद नंद कुमार साय ने बीजापुर की सौन्दर्यता, यहां ग्रामीणों की सरलता की खुले मन से प्रशंसा करते हुए कहा कि इसे और भी सुंदर बनाना है। विकास की गति को और तेज करना है। वहीं आदिवासियों की प्रगति एवं विकास, सामाजिक सुदृढ़ीकरण, आर्थिक सुदृढ़ीकरण के लिए हम सब मिलकर कार्य करेंगे। कार्यक्रम के दौरान जिले भर के हजारों आदिवासी ग्रामीण अपने देवी-देवताओं के साथ पहुंचे और विधिवत पूजा-पाठ किया। वहीं मंत्री कवासी लखमा और पूर्व सांसद नंद कुमार साय ने भी देवी-देवताओं का पूजा-पाठ कर रेला व अन्य पारंपरिक नृत्य में शामिल होकर देवी-देवताओं की स्तुति की।
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