नई दिल्ली। CBSE board: सीबीएसई बोर्ड की तरफ से अब सभी भारतीय भाषाओं यानि कि मातृभाषा में पढ़ाई करवाई जाएगी। इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। वहीं, बोर्ड के इस कदम की सराहना करते हुए शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बधाई दी है। जल्द ही इसकी पाठ्यपुस्तकें भी जारी कर दी जाएंगी।
CBSE board: बोर्ड में अभी तक इंग्लिश मीडियम में पढ़ाई करवाई जाती थी। लेकिन, अब बोर्ड ने बड़ा फैसला लिया है। जिसके मुताबिक संबद्ध स्कूलों को पूर्व-प्राथमिक से कक्षा 12वीं तक शिक्षा के वैकल्पिक माध्यम के रूप में मातृभाषा का उपयोग करने की अनुमति दी गई है। सीबीएसई के मुताबिक यह एनईपी 2020 के प्रावधानों के अनुसार है।
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CBSE board: बोर्ड की तरफ से जारी एक नोटिस में कहा गया है कि, सीबीएसई से संबद्ध स्कूल भारतीय संविधान की अनुसूची 8 में उल्लिखित भारतीय भाषाओं का उपयोग मूलभूत चरण से लेकर माध्यमिक चरण के अंत तक यानी पूर्व-प्राथमिक कक्षाओं से लेकर बारहवीं कक्षा तक वैकल्पिक माध्यम के रूप में अन्य मौजूद विकल्पों के रूप में करने पर विचार कर सकते हैं।
CBSE board: स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई मातृभाषा में हो सके इसके लिए कुशल शिक्षकों, पाठ्यपुस्तकों और समय की उपलब्धता जैसी बहुभाषी शिक्षा को लागू करने की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए बोर्ड ने स्कूलों से उपलब्ध संसाधनों का पता लगाने, विशेषज्ञों से परामर्श करने आदि को भी कहा है।
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CBSE board: एनसीईआरटी को 22 अनुसूचित भाषाओं में नई पाठ्यपुस्तकें तैयार करने के निर्देश
इधर, शिक्षा मंत्रालय ने एनसीईआरटी को 22 अनुसूचित भाषाओं में नई पाठ्यपुस्तकें तैयार करने का निर्देश दिया है। दावा किया जा रहा है कि ये पुस्तके अगले सत्र से उपलब्ध हो सकती हैं। आपको बता दें कि सीबीएसई बोर्ड देश का सबसे बड़ा बोर्ड है। सीबीएसई बोर्ड 10वीं-12वीं की परीक्षा में हर वर्ष करीब 30 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स शामिल होते हैं।