नई दिल्ली/श्री हरिकोटा। Chandrayaan-3 launch: भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO का तीसरा लूनार मिशन शुक्रवार 14 जुलाई को उड़ान भरने वाला है। इसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से दोपहर 2:35 बजे लॉन्च किया जाएगा। यह मिशन चांद की सतह पर पर सॉफ्ट-लैंडिंग से जुड़ा है और 23 से 24 अगस्त को इसे चांद के साउथ पोल पर लैंड किया जाएगा। यह मिशन एक पूरे लूनर नाइट तक चलेगा, जिसकी अवधि धरती पर 14 दिनों के बराबर होती है।
Chandrayaan-3 launch: ISRO चीफ एस सोमनाथ ने पूरे देश को चंद्रयान-3 का लॉन्च लाइव देखने के लिए इनवाइट किया है। तीसरे लूनर मिशन का लॉन्च इवेंट लाइव देखने का विकल्प ग्राहकों को मिल रहा है और इसके लिए isro.gov.in पर रजिस्ट्रेशन विंडो ओपेन कर दी गई है। इसके अलावा ISRO की आधिकारिक वेबसाइट और यूट्यूब चैनल पर भी इस इवेंट की लाइवस्ट्रीमिंग की जा सकती है।
![Chandrayaan-3 launch: Chandrayaan's flight can be seen live like this, will be launched at 2:35 pm](https://atozjnews.com/wp-content/uploads/2023/07/launch-of-Chandrayaan-3.jpg)
Chandrayaan-3 launch: कब देख पाएंगे चंद्रयान-3 मिशन
चंद्रयान-3 लूनर मिशन को आज 14 जुलाई की दोपहर 2:30 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा। अगर आप इस लॉन्च की लाइवस्ट्रीमिंग देखना चाहते हैं तो ऐसा ISRO के यूट्यूब चैनल पर जाकर किया जा सकेगा। आप नीचे दिख रहे वीडियो में भी इस इवेंट को लाइव देख सकते हैं।
Chandrayaan-3 launch: भारत इस उपलब्धि के साथ ही दुनिया के टॉप 4 देशों में शामिल हो जाएगा, जो चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग कर चुके हैं। भारत से पहले अमेरिका, रूस और चीन ही यह कारनामा दिखा चुके हैं। भारत के इस मिशन की दुनिया भर में चर्चा हो रही है। अमेरिकी न्यूज चैनल सीएनएन ने भी इसकी तारीफ करते हुए लिखा है कि भारतीय तकनीक के जरिए ही इस पर काम हो रहा है और यह भारत की अंतरिक्ष क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि होगी।
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Chandrayaan-3 launch: सीएनएन ने लिखा कि भारतीय वैज्ञानिक इस मिशन पर कई साल से काम कर रहे हैं। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग का लक्ष्य तय किया गया है, जहां अब तक पहुंचा नहीं जा सका है। इससे चंद्रमा के बारे में अतिरिक्त जानकारियां भारत के जरिए दुनिया को मिल सकेंगी। चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग के लिए स्वदेशी लैंडर मॉड्यूल, प्रोपल्सन मॉड्यूल और रोवर का ही इस्तेमाल किया गया है। चांद की सतह पर लैंडर को उतारा जाएगा और फिर उसके जरिए रोवर को कक्षा में स्थापित किया जाएगा। इसके माध्यम से चांद की सतह का अध्ययन हो सकेगा।
Chandrayaan-3 launch: LVM3 लॉन्चर से भेजा जाएगा चंद्रयान-3
चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के लिए LVM3 लॉन्चर का इस्तेमाल किया जाएगा। यह भारी सैटेलाइट्स को भी अंतरिक्ष में छोड़ सकता है। यह 43.5 मीटर यानी करीब 143 फीट ऊंचा है और 642 टन इसका वजन है। यह LVM-3 रॉकेट की चौथी उड़ान होगी। इससे पहले चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग भी इसके माध्यम से ही की गई थी। अब तक 4 देश ही चंद्रमा पर लैंडिंग का प्रयास कर पाए हैं, लेकिन उनकी भी सफलता की दर 52 फीसदी ही है। ऐसे में यह एक चुनौतीपूर्ण मिशन है, जिस पर इसरो ने मजबूती से कदम बढ़ाए हैं।
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