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जाह्नवी कपूर की पहली फिल्म को रिलीज हुए एक साल हो गया है। इस बीच इंडस्ट्री में उनके लंबे समय तक गायब रहने को लेकर तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म रहा, लेकिन जाह्नवी जानती हैं कि वह क्या करने में सक्षम हैं। यही वजह है कि वह इस तरह की बातों को तूल नहीं देतीं। अपनी आगामी फिल्मों से उन्हें काफी उम्मीदें हैं और आशा करती हैं कि इन फिल्मों से आलोचकों का मुंह बंद हो जाएगा
जाह्नवी कपूर को हमेशा से ही तुलनाओं का सामना करना पड़ा है। फिर चाहे वह उनकी मां और दिवंगत अभिनेत्री श्रीदेवी के साथ हो या फिर बॉलीवुड की नई एक्ट्रेसेस सारा अली खान और अनन्या पांडे के साथ… लेकिन इन तुलनाओं से जाह्नवी बिल्कुल खुश नहीं होतीं। हालांकि वह मानती हैं कि अभिनय जैसी फील्ड में प्रतिस्पर्धा लाजिम है। जब बात उनकी मां की आती है, तो वह कहती हैं कि मां जैसी मैं नहीं हो सकती, मैं एक अलग एक्टर और इनसान हूं। भाई-भतीजावाद, बॉलीवुड में प्रतिस्पर्धा को लेकर उनकी सोच बेहद स्पष्ट है। उनकी आने वाले फिल्में ‘गुंजन सक्सेना: द कार्गिल गर्ल’, ‘रूही अफजाना’, ‘दोस्ताना 2’ और ‘तख्त’ से उन्हें ढेर सारी उम्मीदें हैं। उनके साथ बातों का सिलसिला कुछ यूं आगे बढ़ा:
आपके करियर की शुरुआत के दौरान भाई-भतीजावाद की बहस छिड़ी थी। क्या आपको लगता है कि लोगों को अब इस मामले को छोड़ देना चाहिए?
मुझे आशा है कि मेरा काम वो करेगा। कुछ लोगों के लिए ‘धड़क’ इस बहस को बंद करने के लिए काफी नहीं थी। मैं इस बात को मानने से इनकार नहीं करती कि इंडस्ट्री में भाई-भतीजावाद नहीं है। यह हमारी इंडस्ट्री की सच्चाई है और यह बाकी क्षेत्रों में भी होता है।
तो क्या आप मानती हैं कि स्टार किड होने से इंडस्ट्री में आपको मदद मिली है?
जो इस इंडस्ट्री से बाहर के लोग हैं, उन्हें कुछ ऐसी चीजों से कभी न कभी गुजरना पड़ा है, चाहे वह काम को लेकर हो या पहचान को लेकर, मैं उनसे नहीं गुजरी हूं। उनका संघर्ष, मेरे संघर्ष से किसी आम आदमी के लिए ज्यादा बड़ा होगा। वास्तव में, मैं मानती हूं कि मुझे ज्यादा संघर्ष नहीं करना पड़ा। लेकिन अगर मुझे यह अवसर मिला है, तो मैं अपनी जान लगा दूंगी, ताकि मुझे और दर्शकों को यह एहसास हो कि मैं उस लायक हूं।
लोग आपकी मां के साथ आपकी तुलना करते हैं। क्या आपको उनके स्तर तक पहुंचने के लिए दबाव महसूस होता है?
मुझे लगता है कि लोगों को समझने की जरूरत है कि मैं एक अलग इनसान हूं। समाज के एक हिस्से ने मेरी फिल्म ‘धड़क’ में यह देखने की कोशिश की, लेकिन एक हिस्से ने उस दौरान भी मुझमें श्रीदेवी तलाशने की कोशिश की। शायद मेरे आगे आने वाले काम को देखकर वह यह समझ सकें कि मैं एक अलग एक्टर हूं और मेरी अलग पसंद हैं।
क्या आप अपनी समकालीन अभिनेत्रियों के साथ तुलना से भी थक चुकी हैं?
मेरी पहली फिल्म रिलीज हुए एक साल हो चुका है, इसलिए मैं समझ सकती हूं कि यह चर्चाएं क्यों हो रही हैं। तुलना और प्रतिस्पर्धा हमारे काम का ही हिस्सा है। मैं यह देखकर प्रेरित होती हूं कि लोग क्या कर रहे हैं और उनसे सीखती हूं। सब अच्छा काम कर रहे हैं।
तो क्या आप प्रतिस्पर्धा से घबराती नहीं?
मुझे पता है कि मैं क्या दे सकती हूं और मैं उसमें सुरक्षित महसूस करती हूं। मुझे यह भी पता है कि मुझे किस चीज पर काम करना है और बाकी लोग किस चीज में बेहतर हैं। मेरा मानना है कि इंडस्ट्री में सबके करने के लिए बहुत कुछ है।
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