OTT platform is not right for every bollywood film

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कई सितारों की फिल्में बनकर तैयार हैं और लंबे इंतजार के बाद अब वे ओटीटी प्लैटफॉर्म पर रिलीज हो रही हैं। वहीं, कुछ अब भी बड़ी स्क्रीन के इंतजार में हैं। जानकारों का मानना है कि जल्द ही थिएटर व्यवसाय धमाके के साथ वापसी करेगा। पेश है एक रोचक ब्योरा 

इसमें कोई दोराय नहीं है कि कोविड-19 ने आर्थिक व्यवस्था को बुरी तरह से प्रभावित किया है। फिर भी  ऐसा लगता है कि एक सेक्टर, जो वास्तव में इस दौरान फल-फूल रहा है, वह है भारत में ओटीटी पर बिक्री (हिंदी फिल्मों की)। मार्च के  आखिर में जब सिनेमाघर बंद हुए, तो कई बॉलीवुड फिल्में सीधे स्ट्रीमिंग प्लैटफार्मों पर चली गईं।
इस आधिकारिक सूची में ‘गुलाबो सिताबो’, ‘शकुंतला देवी’, ‘दिल बेचारा’, ‘गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल’ और  ‘घूमकेतु’ शामिल हैं। लेकिन अक्षय कुमार अभिनीत, रोहित शेट्टी की फिल्म ‘सूर्यवंशी’ और कबीर खान द्वारा निर्देशित फिल्म ’83’ अभी भी 70 एमएम को वरीयता देने की नीति पर कायम है।

रिलायंस एंटरटेनमेंट्स के कंटेंट, डिजिटल व गेमिंग समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शिबाशीष सरकार कहते हैं, ‘निश्चित रूप से, यह मुश्किल समय है, लेकिन कुछ फिल्में बड़े पर्दे के अनुभव के ही लायक हैं। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि हम ओटीटी संस्कृति के खिलाफ हैं। जहां तक ‘सूर्यवंशी’ और ’83’ जैसी फिल्मों का सवाल है, तो हम साल के अंत तक इंतजार करने के लिए तैयार हैं। अगर तब तक चीजें बेहतर नहीं होती हैं, तो हम देखेंगे कि क्या करना है। हम में से हर एक- रणवीर, अक्षय और निर्देशक- सब इस बात से सहमत हैं।’

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कुछ अन्य फिल्मों की भी ओटीटी पर रिलीज होने की कोई संभावना नहीं दिख रही, जैसे, ‘राधे: युअर मोस्ट वांटेड भाई’, ‘कुली नंबर 1’, ‘जयेशभाई जोदार’, ‘बंटी और बबली 2’, ‘ब्रह्मास्त्र’ और ‘मैदान’। ये फिल्में भी अभी बड़ी स्क्रीन की प्रतीक्षा में हैं।  प्रदर्शक वितरक अक्षय राठी का कहना है, ‘अभी बॉक्स ऑफिस शून्य हो सकता है, लेकिन मुझे लगता है कि बड़ी स्क्रीन का आकर्षण कहीं नहीं जाएगा। कुछ समय के लिए रुक सकता है, लेकिन जैसे ही सब कुछ ठीक होने लगेगा थियेटर व्यवसाय की शानदार वापसी होगी।’

हालांकि इसी बीच फिल्मों की एक लंबी लिस्ट है जो ओटीटी प्रीमियर के लिए तय मानी जा रही हैं। इस लिस्ट में अक्षय कुमार की ‘लक्ष्मी बॉम्ब’, अजय देवगन की ‘भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया’,  ‘द बिग बुल’,  ‘सड़क 2’, ‘खुदा हाफिज’ और  ‘लूटकेस’  भी शामिल हैं। कुछ अन्य जो ओटीटी स्क्रीन पर आ सकती हैं, उनमें  ‘छलांग’, ‘लूडो’, ‘झुंड’,  ‘खाली पीली’, ‘मिमी’, ‘इंदु की जवानी’, ‘रूही अफजाना’ और  ‘शेरशाह’  शामिल हैं जबकि ‘सड़क 2’ के निर्माता मुकेश भट्ट कहते हैं कि इस समय डिजिटल प्लैटफॉर्म में जाना उनकी मजबूरी है। 

फिल्म  ‘मैदान’ के निर्माता बोनी कपूर कहते हैं,  ‘ओटीटी प्लैटफॉर्म उन निर्माताओं के लिए एक बड़ा आशीर्वाद जैसा है, जिनकी फिल्में बनकर तैयार हैं, और वे इसके माध्यम से आसानी से अपने निवेश की वसूली कर सकते हैं।’

ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श बताते हैं,  ‘यह सिर्फ एक दौर है, जो गुजर जाएगा। सिनेमा हॉल के दोबारा खुलने की कोई निर्माता कब तक प्रतीक्षा कर सकता है, यह स्पष्ट नहीं है। वैसे बड़े पर्दे का जादू कभी फीका नहीं होगा।’    

ये हैं बड़े पर्दे के इंतजार में  

– सूर्यवंशी

– 83

– राधे: युअर मोस्ट वॉन्टेड भाई

– लाल सिंह चड्ढा

– कुली नं.1

– मैदान
(इनकी रिलीज में बदलाव भी हो सकता है) 
 

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