छत्तीसगढ़ में 45 हजार संविदा कर्मचारियों का इस्तीफा, प्रदर्शनकारियों ने कहा- छत्तीसगढ़ चाहिए संविदा मुक्त, हम डरने वाले नहीं

रायपुर। Resignation of 45 thousand contract employees in Chhattisgarh: नवा रायपुर के तूता स्थित धरना स्थल पर प्रदेश के संविदा कर्मचारियों का आंदोलन 14वें दिन भी जारी है। शनिवार को नारेबाजी करते हुए इन सभी कर्मचारियों ने रायपुर जिला प्रशासन के तहसीलदार को अपना सामूहिक इस्तीफा सौंप दिया है।

Resignation of 45 thousand contract employees in Chhattisgarh: प्रदेश के अलग-अलग जिलों में काम करने वाले 45000 संविदा कर्मियों का सामूहिक इस्तीफा था। पिछले दिनों अलग-अलग जिलों में इन कर्मचारियों ने कलेक्टर को अपना इस्तीफा सौंपा था। अब प्रदेश स्तर पर यह इस्तीफा मुख्यमंत्री के नाम रायपुर में सौंपा गया है।

Resignation of 45 thousand contract employees in Chhattisgarh: संविदा कर्मियों की हुंकार-किसी भी तरह की कार्रवाई से डरने वाले नहीं

Resignation of 45 thousand contract employees in Chhattisgarh: इस्तीफे के साथ संविदा कर्मचारियों ने ऐलान कर दिया है कि वह किसी भी तरह की कार्रवाई से डरने वाले नहीं हैं। तब तक हड़ताल खत्म नहीं करेंगे जब तक इन्हें नियमित करने का कोई बड़ा फैसला नहीं आ जाता। छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने बताया कि हम कोई नई मांग नहीं कर रहे हैं। वही नियमितीकरण की मांग रहे हैं जो कांग्रेस ने खुद देने का वादा किया था।

Resignation of 45 thousand contract employees in Chhattisgarh: मांगे पूरी नहीं होने तक करेंगे हड़ताल

कौशलेश तिवारी ने कहा कि साढ़े 4 साल तक आवेदन, निवेदन हम करते रहे। लेकिन हमारी मांगे नहीं सुनी गई। छत्तीसगढ़ के 90 विधानसभा इलाके में 90 विधायकों को हमने ज्ञापन सौंपे, 33 जिले के कलेक्टर्स से हमने मिलकर अपनी मांग रखी। लेकिन कोई उचित फैसला नहीं होने पर हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं। और तब तक बैठे रहेंगे जब तक हमारी मांग पूरी नहीं हो जाती।

Resignation of 45 thousand contract employees in Chhattisgarh: तेजी से वायरल हो रहा है संविदा मुक्त छत्तीसगढ़ का नारा हैशटैग

शनिवार को संविदा कर्मचारियों की हड़ताल का 14वां दिन था। कर्मचारियों ने शनिवार को संविदा मुक्त छत्तीसगढ़ का नारा लगाया। अब इस हैशटैग के साथ सोशल मीडिया पर अभियान भी चलाया जाएगा। अनुसूचित जाति जनजाति अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष लक्ष्मण भारती ने कहा कि, सरकार एस्मा लगाकर कर्मचारियों को डराने का काम न करे। यही कर्मचारी सरकार को सम्मान दिलाते हैं उसके बदले एस्मा लगाना ठीक नहीं है।

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