Vaibhavi Merchant says saroj khan opened doors for women in choreography – वैभवी मर्चेंट बोलीं

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कोरियोग्राफर वैभवी मर्चेंट ने हमेशा स्वर्गीय सरोज खान को अपना आदर्श माना और यह सिर्फ इसलिए नहीं है कि वह एक सीनियर थीं, बल्कि इसलिए भी कि सरोज खान ने ही बॉलीवुड कोरियोग्राफी में महिलाओं के लिए दरवाजे खोले। वह कहती हैं, ‘यह सब उनकी वजह से हुआ। उनकी कोरियोग्राफी की वजह से ही फिल्म ‘तेजाब’ के गाने ‘एक दो तीन..’ के लिए अवॉर्ड्स में पहली बार बेस्ट कोरियोग्राफी की कैटेगरी बनाई गई थी। और आज उन्हीं की वजह से हम सब नॉमिनेट होते हैं।’

सरोज खान अपने अनुशासन को लेकर भी काफी सख्त थीं। वैभवी बताती हैं, ‘हालांकि उनका यह सफर इतना आसान भी नहीं था। उन्होंने यहां तक आने के लिए काफी मशक्कत की थी। सोचिए, वह तब कोरियोग्राफी इंडस्ट्री में आई थीं, जब यहां पुरुषों का ही बोलबाला था और उन्हें कभी खुद को साबित करने का मौका नहीं मिला।’

वैभवी ने सरोज खान के साथ डांस शो ‘झलक दिखला जा’ का तीसरा सीजन जज किया था और वह बताती हैं कि ऐसा भी हुआ, जब उन्हें प्रोजेक्ट्स मिले, लेकिन उन्हें उनमें से हटा दिया गया।

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बकौल वैभवी, ‘अगर उन्हें काम मिलता भी था, तो कोई न कोई उनसे वो छीन लेता था। सोचिए, उनके लिए उस समय आगे बढ़ना और इतने बदलाव लाना, कितना मुश्किल रहा होगा। उन्होंने काम के लिए बहुत संघर्ष किया, और इसलिए वह हमेशा उसकी कद्र करती थीं। वह यह कभी नहीं भूलती थीं कि यह उनकी रोजी-रोटी है, इससे किसी को शर्म महसूस नहीं होनी चाहिए। उनके अनुभव भानुमती का पिटारा जैसे थे। मैं इस बात से काफी प्रभावित थी कि उन्होंने उस जमाने में, जबकि कोई महिला इस फील्ड में नहीं थी, कैसे काम शुरू किया होगा? कैसा रहा होगा वह दौर उनके लिए?’                                 

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