Web Series on Project Cheetah: प्रोजेक्ट चीता पर बनेगी वेब सीरीज, डिस्कवरी चैनल के नेटवर्क में दिखाएंगे एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप तक आबाद होने की कहानी

नई दिल्ली। Web Series on Project Cheetah: जीवों से भारत के प्रेम को जल्द ही पूरी दुनिया देखेगी। एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप में चीतों को आबाद करने की पहली घटना पर बनने वाली प्रोजेक्ट चीता वेब सीरीज के प्रस्ताव को केंद्र ने मंजूरी दे दी है। वेब सीरीज को डिस्कवरी चैनल के नेटवर्क पर 170 देशों में अलग अलग भाषाओं में दिखाया जाएगा।

Web Series on Project Cheetah: इस वेब सीरिज को चार भागों में बनाया जाएगा। इसमें चीतों की विलुप्ति के बाद अफ्रीकी महाद्वीप से भारत में इन्हें बसाने की कठिन कहानी बयां की जाएगी। वेब सीरीज का फिल्मांकन संभवत: ‘प्रोजेक्ट चीता’ की दूसरी वर्षगांठ के आसपास शुरू होगा।

Web Series on Project Cheetah: राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के उप महानिरीक्षक वैभव चंद्र माथुर ने 21 जुलाई को मध्य प्रदेश के मुख्य वन्यजीव वार्डन को लिखे पत्र में कहा कि प्राधिकरण की तकनीकी समिति ने प्रोजेक्ट चीता पर वेब सीरीज के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।

Web Series on Project Cheetah: पत्र में शेन फिल्म्स और प्लांटग प्रोडक्शन को मानक नियमों और शर्तों के अनुसार कुनो राष्ट्रीय उद्यान और गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में फिल्मांकन करने की सुविधा मुहैया कराने का अनुरोध किया गया। राज्य के मुख्य वन्यजीव वार्डन ने छह अगस्त को प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।

दक्षिण अफ्रीका से लाए जाएंगे और चीते

अधिकारियों के अनुसार, भारत ने वर्ष के अंत तक दक्षिण अफ्रीका से और चीते लाने के प्रयासों में भी तेजी ला दी है। इस संबंध में वार्ता के लिए एक प्रतिनिधिमंडल शीघ्र दक्षिण अफ्रीका जाएगा। चीतों को लाने को लेकर केन्या से भी बातचीत चल रही है। भारत में चीतों को लाने की कार्य योजना में दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया और अन्य अफ्रीकी देशों से पांच वर्षों में प्रति वर्ष लगभग 12-14 चीते लाने की बात कही गई है।

Web Series on Project Cheetah: क्या-क्या दिखाया जाएगा वेब सीरीज में

वेब सीरीज के जरिये चीतों को भारत लाने में आई कठिनाइयों, चीतों की स्थिति और भविष्य की अपेक्षाओं को बताने के साथ ही लोगों को इस प्रोजेक्ट की बारीकियों से भी अवगत कराया जाएगा।
वेब सीरीज बनाने वालों ने परियोजना के क्रियान्वयन के लिए 50 लाख रुपए की वित्तीय सहायता को लेकर मध्य प्रदेश पर्यटन और ‘एमपी टाइगर फाउंडेशन’ से संपर्क किया है।
एक अधिकारी ने कहा, वित्तीय सहायता संभव नहीं है, लेकिन हम वेब सीरीज के फिल्मांकन के लिए पूरा सहयोग देंगे। गौरतलब है कि अब तक अफ्रीका से 20 चीते भारत लाए गए हैं।
इनमें से आठ चीते सितंबर 2022 में नामीबिया से लाए गए थे, जबकि फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते लाए गए थे। हालांकि, भारत आने के बाद से आठ वयस्क चीतों की मौत हो गई है।

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